ताड़ासन से मिलते हैं ये स्वास्थ्य लाभ जानिए अभ्यास का सही तरीका और सावधानियां
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शरीर के सभी अंगों की सेहत और आंतरिक व बाहरी तौर पर शारीरिक स्वास्थ्य के लिए पौष्टिक खानपान, अच्छी जीवन शैली को अपनाना चाहिए। इसके साथ ही योगासनों का अभ्यास भी मानसिक और शारीरिक सेहत को बेहतर बनाता है। अलग-अलग तरह की योग क्रियाएं हैं जो शरीर के अलग अलग अंगों की सेहत के लिए लाभकारी है। इन्हीं योगासनों में से एक ताड़ासन है। ताड़ का अर्थ पर्वत से है। नाम से ही स्पष्ट है कि इस में पर्वत के समान आसन लेना होता है। चित्र से समझें तो यह आसन देखने में आसान लगता है लेकिन अगर ताड़ासन का अभ्यास पूरी तरह से सही तरीके से किया जाए तो काफी प्रभावी और लाभकारी हो सकता है। ताड़ासन से कई स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं। इस लेख के माध्यम से जानिए ताड़ासन के अभ्यास का सही तरीका और ताड़ासन से होने वाले स्वास्थ्य लाभ के बारे में।
तेजी से हाइट बढ़ाने, शरीर का पोस्चर सही रखने, थकान को दूर करके एनर्जी बढ़ाने, मांसपेशियों को आराम देने, रक्त प्रवाह में सुधार के लिए ताड़ासन का अभ्यास कर सकते हैं।
० इस आसन के अभ्यास से शारीरिक और मानसिक संतुलन बनता है।
० शरीर के पोस्चर में सुधार होता है।
० जांघों, घुटनों और टखनों को मजबूत करता है।
० ताड़ासन के अभ्यास से पेट टोंड होता है।
० रीढ़ की हड्डी में खिंचाव लाकर उसके विकारों को दूर करता है।
० फ्लैट पैर की परेशानी को दूर करने में ताड़ासन का अभ्यास कर सकते हैं।
० इस योग से साइटिका से राहत मिलती है।
० ताड़ासन का अभ्यास लंबाई बढ़ाने में सहायक है।
स्टेप 1- इस आसन के अभ्यास के लिए दोनों पंजों को थोड़ा खोलकर सीधे खड़े हो जाएं।
स्टेप 2- अब हाथों को नमस्ते की मुद्रा में जोड़कर सिर के ऊपर ले जाएं। ध्यान रखें कि दोनों हाथ दोनों कानों के पास से गुजर रहे हों।
स्टेप 3- फिर हाथ की उंगलियों और धड़ को आसमान की तरफ खींचे, इस दौरान पैर को न उठाएं।
स्टेप 4- शरीर के खिंचाव के साथ ही सांस लेते रहें और थोड़ी देर खिंचाव बनाए रखने की कोशिश करें।
स्टेप 5- अंत में धीरे-धीरे हाथों को नीचे लाते हुए सामान्य स्थिति में आ जाएं।
स्टेप 6- इस आसन को दिन में 2 से 3 बार दोहरा सकते हैं। शरीर में पर्याप्त खिंचाव आना फायदेमंद हो सकता है।
० इस आसन के अभ्यास के दौरान कुछ गलतियों को करने से बचें। जैसे,
० ताड़ासन के अभ्यास के दौरान कूल्हों को आगे की तरफ न धकेलें।
० छाती को अंदर की तरफ न समेटें।
० कंधों को बराबर रखें, नीचे की ओर न गिरने देना चाहिए।
० ताड़ासन के अभ्यास के दौरान सांस रोकने की गलती न करें।
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Ishika Dhiman
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