जाने गोमुखासन करने का तरीका और फायदे

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गोमुखासन करने का तरीका और फायदे

गोमुखासन करने का तरीका और फायदे  –

गोमुखासन का नाम दो शब्दों पर रखा गया है: गऊ और मुख। गऊ यानी गाए और मुख यानी चेहरा। गोमुखासन को यह नाम इसलिए दिया गया है क्योंकि इस आसान में आपके जांघ और पिंडली गाय के चेहरे के समान मुद्रा में होते हैं: पीछे की ओर चौड़ा और सामने की तरफ पतला।

गोमुखासन के फायदे -

गोमुखासन के फायदे इस प्रकार हैं:

1.जांघों, कूल्हों, ऊपरी पीठ, ऊपरी बांह और कंधों के मांसपेशियों को मजबूत बनाता है गोमुखासन।

2.विश्राम करने के लिए गोमुखासन एक उत्कृष्ट आसन है।

3.यदि 10 मिनट या अधिक के लिए आप इसका अभ्यास करें, तो यह थकान, तनाव और चिंता को कम करेगा। ध्यान रहे की अभ्यास की अवधि धीरे-धीरे ही बढ़ायें। (और पढ़ें – थकान से बचने के उपाय)

4.यह गुर्दों को उत्तेजित करता है और दीर्घ आयु में मधुमेह की शुरुआत होने की संभावना कम करता है।

5.यह पीठ दर्द, कटिस्नायुशूल (साएटिका), गठिया और कंधे और गर्दन में सामान्य कठोरता से राहत देता है।

6.छाती को को खोलता है और आपके पोस्चर या सामान्य बैठने और खड़े होने की मुद्रा में सुधार लाता है।

7.यह पैर में ऐंठन को कम करता है और पैर की मांसपेशियों को मज़बूत बनाता है।

गोमुखासन करने का तरीका -

गोमुखासन करने के विधि ध्यान से पढ़ें:

1.सुखासन में बैठो, अपने पैरों को आगे बढ़ाएं।

2.बाएं टाँग को मोड़ें और शरीर के करीब खींच लें। अपने दाहिने घुटने को उठाएं और बाएं पैर को दाहिनी जांघ के नीचे टीका लें ताकि वह नितंब को छू सके।

3.अपने दाहिनी टाँग को शरीर की ओर खींचें और बाएं जांघ के उपर से इसे घुमा कर रख लें ताकि पैर ज़मीन पर टिका हो।

4.बाएं हाथ को पीठ पर टिकायं और दायें हाथ को उठा कर कंधे के उपर से ले जा कर पीठ पर टिकाएं।

5.बाएं हाथ का पिछला हिस्सा रीढ़ की हड्डी पर टीका होना चाहिए, जबकि दाहिने हाथ की हथेली रीढ़ की हड्डी पर टिकी होनी चाहिए।

6.अब पीठ के पीछे ही दोनों हाथों को एक दूसरे से पकड़ने की कोशिश करें।

7.दाहिने हाथ को सिर के पीछे ले आयें, ताकि सिर हाथ के अंदर के भाग को छू सके।

8.रीढ़ की हड्डी एकदम सीधी होनी चाहिए और सिर आगे की ओर बिल्कुल नहीं होना चाहिए।

9.आँखें बंद कर लें। इस मुद्रा में 2 मिनट तक रहें।

10.आसान से बाहर निकालने के लिए हाथों को खोलें, टाँगों को सीधा कर लें और दूसरी तरफ दोहराएं।

गोमुखासन करने में क्या सावधानी बरती जाए -

यदि आपको गंभीर गर्दन या कंधे की समस्या है, तो गोमुखासन ना करें।

​​​​​​Thank you for watching.




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