एक्यूपंचर और एक्यूप्रेशर हैं एक दूसरे से बहुत अलग जानें इन दोनों में अंतर क्या है?
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एक्यूप्रेशर और एक्यूपंचर का नाम तो आपने सुना ही होगा, लेकिन ये दोनों एक-दूसरे से बहुत अलग होते हैं। जानें इन दोनों में अंतर-
Acupuncture) का नाम तो आपने कभी न कभी जरूर सुना होगा, ये दोनों एक-दूसरे से बहुत अलग होते हैं। एक्यूप्रेशर और एक्यूपंचर दोनों अलग-अलग चिकित्सा विधि है। इन दोनों की विधि, प्रयोग एक-दूसरे से बिल्कुल अलग होते हैं। दरअसल, एक्यूप्रेशर और एक्यूपंचर दोनों शब्द चीनी चिकित्सा पद्धति से आई हैं। चीन में बहुत पुराने समय से इन दोनों चिकित्सा पद्धति से कई मरीजों का इलाज किया जा रहा है। लेकिन आज एक्यूप्रेशर और एक्यूपंचर दोनों चिकित्सा पद्धति विश्वभर में प्रचलित है। इन दोनों से कई तरह की बीमारियों का इलाज किया जाता है। अगर डॉक्टर की सलाह पर इन दोनों चिकित्सा पद्धति को किया जाए, तो इनके कोई साइड इफेक्ट भी नहीं होते हैं।
एक्यूपंचर एक चीनी चिकित्सा पद्धति है। इस चिकित्सा विधि में शरीर के कुछ विशेष हिस्सों पर सूई चुभाकर बीमारियों का इलाज किया जाता है। दरअसल, हमारे शरीर में कुल 365 एनर्जी प्वाइंट होते हैं। इन प्वाइंट्स पर एक्सपर्ट सूई लगाकर, बीमारी का इलाज करते हैं। इसलिए इसे एक्यूपंचर कहा जाता है। बीमारियों का इलाज करने के लिए एक्यूपंचर को डब्लयूएचओ ने भी असरदार बताया है।
एक्यूपंचर एक चीनी चिकित्सा पद्धति है। इस चिकित्सा विधि में शरीर के कुछ विशेष हिस्सों पर सूई चुभाकर बीमारियों का इलाज किया जाता है। दरअसल, हमारे शरीर में कुल 365 एनर्जी प्वाइंट होते हैं। इन प्वाइंट्स पर एक्सपर्ट सूई लगाकर, बीमारी का इलाज करते हैं। इसलिए इसे एक्यूपंचर कहा जाता है। बीमारियों का इलाज करने के लिए एक्यूपंचर को डब्लयूएचओ ने भी असरदार बताया है।
एक्यूप्रेशर और एक्यूपंचर की मदद से आप कई तरह की बीमारियों का इलाज कर सकते हैं। इन दोनों में ही कुछ खास प्वाइंट्स की मदद इलाज को कारगर बनाया जाता है। एक्यूप्रेशर में कुछ प्वाइंट्स को दबाया जाता है, तो एक्यूपंचर में कुछ खास प्वाइंट्स पर सूई चुभाई जाती है। एक्यूपंचर और एक्यूप्रेशर की मदद से पुराने सिरदर्द, कमर दर्द, गर्दन दर्द, अर्थराइटिस, अनिद्रा या इंसोम्निया, मासिक धर्म में दर्द और माइग्रेन का इलाज किया जा सकता है। इतना ही नहीं इन दोनों चिकित्सा पद्धति की मदद से एंग्जायटी, डिप्रेशन या अवसाद जैसे इमोशन डिसऑर्डर का भी इलाज किया जा सकता है। लेकिन किसी भी बीमारी को एक्यूप्रेशर और एक्यूपंचर की मदद से ठीक करने के लिए आपको डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए।
एक्यूप्रेशर और एक्यूपंचर में काफी अंतर है। एक्यूपंचर में प्वाइंट्स पर सूई चुभाई जाती है, जबकि एक्यूप्रेशर में उगुलियों की मदद से प्वाइंट्स को दबाया जाता है। ये प्वाइंट्स दर्दनिवारण के लिए होते हैं।
एक्यूपंचर को सिर्फ डॉक्टर या एक्सपर्ट ही कर सकते हैं। जबकि एक्यूप्रेशर को कोई भी साधारण व्यक्ति कर सकता है। इसके लिए आपको सिर्फ एक बार सीखने की जरूरत होती है।
एक्यूप्रेशर हाथों से किए जाने वाला एक ट्रीटमेंट है। इसमें सूई की जरूरत नहीं होती है। एक्यूपंचर के कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है।
अगर सही तरीके से एक्यूप्रेशर और एक्यूपंचर किया जाए, तो इनसे कोई नुकसान नहीं होता है।
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