मेडिटेशन दिमाग पर कैसे करता है असर 8 हफ्तों में आता है ये बदलाव
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मेडिटेशन दिमाग पर कैसे करता है असर, 8 हफ्तों में आता है ये बदलाव
दुनिया के कई वैज्ञानिकों ने मेडिटेशन प्रकिया के कई तरह के टेस्ट किए हैं. स्टडी में पाया गया कि मेडिटेशन करने वालों के दिमाग, स्वास्थ्य ज्यादा बेहतर तरीके से काम करता है. वहीं, जो लोग मेडिटेशन प्रैक्टिस नहीं करते हैं, उनका दिमाग ज्यादा भटकता है. इसके अलावा उनको स्ट्रेस भी कम होता है.
बढ़ती उम्र के साथ-साथ व्यक्ति के जीवन में परेशानियां भी बढ़ती हैं. किसी के जीवन में तो परेशानियां इतनी बढ़ जाती हैं, कि उनसे छुटकारा पाने के लिए शख्स खुद को खत्म ही कर लेता है. लेकिन, एक ऐसी चीज है जिससे न सिर्फ मानसिक तनाव कम होता है बल्कि आप पॉजिटिव महसूस करने लगते हैं. मेडिटेशन, यानी ध्यान लगाने का अभ्यास. भारत में आज से नहीं बल्कि कई दशकों से ध्यान की परंपरा चली आ रही है. हजारों सालों से लोग कई वजहों से मेडिटेशन करते आ रहे हैं. इसमें दार्शनिक और धार्मिक वजह भी शामिल
दुनिया के कई वैज्ञानिकों ने मेडिटेशन प्रकिया के कई तरह के टेस्ट किए हैं. इसे आधुनिक उपकरणों और साइंटिफिक तरीकों से टेस्ट किया गया. इसके जो परिणाम सामने आए वो चौकाने वाले थे. स्टडी में पाया गया कि मेडिटेशन करने वालों के दिमाग, स्वास्थ्य ज्यादा बेहतर तरीके से काम कर रहे थे, बजाए एक ऐसे आदमी के जो मेडिटेशन नहीं करता है. लेकिन सवाल ये, कि ऐसा क्या बदल जाता है मेडिटेशन करने वालों के दिमाग में?
नहीं भटकता दिमाग
एक टेस्ट किया गया जिसमें, कुछ लोगों को विशेष तरह का फोन दिया गया. पूरी दिन में उनसे कुछ सवाल पूछे गए. फाइनल रिपोर्ट में पाया गया कि लगभग 47% समय लोगों का दिमाग भटकता रहता है. यानी व्यक्ति कर कुछ रहा होता है लेकिन दिमाग में पिचर कुछ और ही चल रही होती है. यही भटका हुआ मन न खुशी पैदा करता है. यानी एक तरीके से देखा जाए तो हमारा ही दिमाग हमारा दुश्मन बन जाता है. मेडिटेशन प्रैक्टिस लगातार प्रक्रिया है. यानी इसे लंबे समय के लिए, लगातार करने से ही फायदा मिलता है. जो मेडिटेट करने की शुरुआत कर रहे हैं, उन्हें 8 हफ्ते लगते हैं, इसका असर दिखने में.
स्टडीज में क्या मिला?
मेडिटेशन अपने दुश्मन दिमाग तो दोस्त बनाने की एक निंजा तकनीक मानी जाती है. भटके हुए मन को एक जगह एकाग्र करने में मदद करती है. मेडिटेशन का असर जानने के लिए साइंटिस्ट ने कई स्टडीज की. इसमें सामने आया कि जो लोग मेडिटेशन करते हैं उनके दिमाग में स्ट्रेस ज्यादा समय तक टिकता नहीं है. यानी वो ज्यादा फोकस्ड रहते हैं. वो अपने जीवन में होने वाली छोटी-छोटी निगेटिव बातों पर ज्यादा ध्यान नहीं देते हैं, जिससे वो फोकस में बने रहते हैं.
दिमाग पर क्या असर पड़ता है?
मेडिटेशन हमारी बुद्धि में एक और अहम भूमिका निभाता है. एक स्टडी में पाया गया है कि जो बच्चे मेडिटेशन करते हैं उनका दिमाग ज्यादा अच्छे से काम करता है. उन्हें पढ़ाई की चीजें अच्छे से और लंबे समय तक याद रहती हैं. मेडिटेशन से व्यक्ति का डिसीजन मेकिंग भी अच्छा होता है.
मेडिटेशन व्यक्ति के सोशल बिहेवियर के लिए भी जिम्मेदार होता है. ऐसा भी माना गया है कि मेडिटेशन से व्यक्ति के दिमाग के अंदर के सेल्स जो दया, हमदर्दी, और लर्निंग से जुड़े होते हैं, वो ज्यादा बेहतर तरीके से काम करते हैं.
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