क्या आपको भी योग करने के दौरान लग जाती है चोट या हो जाती है शारीरिक परेशानी जानिये इसे कैसे रोक सकते हैं

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क्या आपको भी योग करने के दौरान लग जाती है चोट या हो जाती है शारीरिक परेशानी  जानिये इसे कैसे रोक सकते हैं

क्या आपको भी योग करने के दौरान लग जाती है चोट या हो जाती है शारीरिक परेशानी, जानिये इसे कैसे रोक सकते हैं

 

कई लोग जब नया-नया योग शुरू करते हैं, तो उन्हें योग अक्सर किसी एक्सपर्ट के प्रशिक्षण में करने की सलाह दी जाती है। ऐसा इसलिए कहा जाता है, ताकि उन्हें योग के दौरान किसी तरह की इंजुरी ना हो या चोट न लगे। लेकिन अगर तब भी आप योग के दौरान किसी चोट या मसल्स स्ट्रेच का शिकार हो जाते हैं, तो जानिये ऐसी स्थिति को आप कैसे रोक सकते हैं...

योग अभ्यास की शुरुआत हमेशा वार्म-अप से करें, जिससे मांसपेशियों को रिलैक्स किया जा सके और चोट का जोखिम कम हो सके।

 

अपनी शरीर की सीमा को पहचानें और कठिन आसनों से बचें, ताकि मांसपेशियों पर अधिक भार न पड़े और चोट से बचा जा सके।

योग करते समय सही तकनीक और मुद्रा का पालन करें, और प्रशिक्षित योग गुरु की देखरेख में अभ्यास करें।

योग के लिए उचित मैट और उपकरण का उपयोग करें, और एक शांत और सुरक्षित स्थान का चयन करें।

योग करने के बाद शवासन अवश्य करें और शरीर को आराम देने के साथ-साथ हाइड्रेटेड रहने का ध्यान रखें।

योग एक प्राचीन अभ्यास है, जो शरीर, मन और आत्मा को संतुलित करता है। लेकिन योग में कई ऐसे आसन हैं, जिन्हें करना मुश्किल होता है या उसके लिए सही मार्ग दर्शन की आवश्यकता होती है। अगर ऐसा न किया जाए या यदि योग सही तरीके से न किया जाए, तो यह चोट (injury) का कारण बन सकती है। तो, योग करते समय उन चोटों से कैसे बचा जा सकता है, चलिए जानते हैं.

1 योग की शुरुआत हमेशा वार्म-अप (Warm-Up) से करें

किसी भी एक्सरसाईज या योग करने से पहले वार्म अप करने की सलाह दी जाती है। वार्म अप शरीर के मसल्स को रिलैक्स कर उसे उन आसनों के लिए तैयार करता है। इसलिए, योगासन से पहले शरीर को गर्म करना आवश्यक है। हल्के स्ट्रेचिंग, सूर्य नमस्कार, या हल्की गतिविधि करने से मांसपेशियां लचीली बनती हैं और चोट का जोखिम कम होता है।

 

2 अपने शरीर की सीमा पहचानें

कई लोग योग की शुरुआत ही कठिन आसनों से करते हैं, जिससे उनके शरीर और मसल्स पर अतिरिक्त भार पड़ता है। इसी से उन्हें चोट लग जाती है। उनका या तो मसल्स स्ट्रेच हो जाता है या फिर किसी हड्डी में कोई इंजरी हो जाती है। इसलिए, अपनी क्षमताओं से अधिक कठिन आसनों को करने की कोशिश न करें। धीरे-धीरे अभ्यास बढ़ाएं और अपने शरीर की क्षमता के अनुसार योग करें। दर्द होने पर तुरंत रुकें और विश्राम करें।

3 सही टेक्निक और फॉर्म अपनाएं

गलत मुद्रा (posture) से चोट लगने की संभावना बढ़ जाती है। हमेशा प्रशिक्षित योग गुरु की देखरेख में योग करें या विश्वसनीय स्रोतों से सीखें। योगासन के दौरान सही तरीके से सांस लेना बहुत महत्वपूर्ण है। जबरदस्ती सांस रोकने या गलत तरीके से सांस लेने से शरीर पर अतिरिक्त दबाव पड़ सकता है। धीमी, गहरी और नियंत्रित सांस लें। शरीर को जरूरत से ज्यादा खींचने (overstretching) से मांसपेशियों में खिंचाव और चोट लग सकती है। धीरे-धीरे स्ट्रेचिंग बढ़ाएं और आरामदायक सीमा तक ही जाएं।

4 योग मैट और सही उपकरण का उपयोग करें

फिसलन वाली या बहुत कठोर सतह पर योग न करें। आरामदायक आसन, योगा मैट, कुशन, बेल्ट इत्यादि का इस्तेमाल करें। अपने शरीर के क्षमता के अनुसार माहौल या आसन चुनें। योग के लिए शांत और सुरक्षित स्थान चुनें।

 

5 योग के बाद विश्राम करेंयोगासन के बाद शवासन (Shavasana) जरूर करें, ताकि शरीर को आराम मिल सके। योग के बाद पानी पिएं और शरीर को हाइड्रेटेड रखें। अगर कोई दर्द या असहजता महसूस हो तो तुरंत योगाभ्यास रोक दें और जरूरत पड़ने पर विशेषज्ञ से सलाह लें।




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