कंप्यूटर की परिभाषा क्या है? भारत का पहला कंप्यूटर

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कंप्यूटर की परिभाषा क्या है

कंप्यूटर की परिभाषा

 

कंप्यूटर एक इलैक्ट्रॉनिक मशीन है, जो निर्धारित आँकड़ों ( Input) पर दिए गए निर्देशों की शृंखला (Program) के अनुसार विशेषीकृत प्रक्रिया (Process) करके अपेक्षित सूचना या परिणाम (Output) प्रस्तुत करती है।

 

कंप्यूटर का फुल फॉर्म || Computer Full Form in Hindi

 

आपको जानकर हैरानी होगी कि कंप्यूटर का कोई फुल फॉर्म नहीं होता, यह एक शॉर्ट फॉर्म है | इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि कंप्यूटर का असली फुल फॉर्म क्या है और इसका मतलब क्या होता है इस आर्टिकल का मुख्य उद्देश्य कंप्यूटर का फुल फॉर्म स्पष्ट करना ताकि सभी को सही जानकारी मिल सके !

Common Operating Machine Purposely Used for Technological and Education Research

कंप्यूटर का अन्य फुल फॉर्म

 

जैसे की हमें रिसर्च करके ये पता चला की कंप्यूटर के कोई सही फुल फॉर्म नहीं होता है ये एक सिर्फ शब्द है, तो काफी सरे लोग कंप्यूटर के फुल फॉर्म लिस्ट बनाया है वही निचे बताया है। आप अगर इन सभी नाम को कंप्यूटर के फुल फॉर्म के कहते हो तो गलत नहीं होगा।

  • Common Operating Machine Particularly Used for Trade, Education, and Research
  • Common Operations Made Possible Under Technical Engineering Researches
  • Commonly Operating Machine Particularly Used for Technical and Education Research
  • Common Operating Machine Particularly Used for Technical, Education and Research
  • Common Oriented Machine Particularly Used for Trade Education and Research
  • Capable Of Making Perfectly Uncomplicated Tasks Extremely Rigorous
  • Complicated Office Machine Put Under Tremendous Effort to Reduce manpower
  • Common Operating Machine Particularly Used For Trade Education And Research
  • Common Operating Machine Particularly Used for Training, Education, and Reporting
  • Computing Oriented Manipulation Programming Used in Technology Education and Research
  • Commonly Oriented Machine Particularly Used for Trade Education and Research
  • Common Oriented Machine Purely Used for Technical and Educational Research
  • Commonly Operated Machine Particularly Used in Technical Education and Research
  • Common Operating Machine Particularly Used For Technical And Research

हम कंप्यूटर के क्रमिक विकास को इन पाँच भागों में विभाजित कर सकते हैं।

फर्स्ट जेनरेशन कंप्यूटर्स – बेस्ट ऑन वेक्यूम ट्यूब (1940-1956)

2nd जेनरेशन कंप्यूटर –  बेस्ड ऑन ट्रांजिस्टर (1956-1963)

थर्ड जेनरेशन कंप्यूटर्स –  बेस्ट ऑन इंटीग्रेटेड सर्किट (1964-1971)

फोर्थ जेनरेशन कंप्यूटर्स –  बेस्ट ऑन माइक्रोप्रोसेसर (1971- अभी तक)

5th जेनरेशन कंप्यूटर – अभी चल रहा है, और भविष्य में भी इसी का प्रयोग होगा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के साथ

 

कंप्यूटर की विशेषताएं

Computer की वो क्या विसेश्तायें हैं जो की इसे दूसरों से अलग करती है. चलिए इसके विषय में और अच्छे तरीके से जानते हैं।

1. Speed

जैसे की हम जानते हैं की computer बहुत ही तेजी से काम करता है. इसे केवल कुछ ही seconds लगते हैं कोई calculations करने के लिए, जो की हमें करीब कई घंटे ये उससे भी ज्यादा लग सकते हैं।

आपको ये जानकर बड़ा आश्चर्य होगा की computer एक second में करीब 1 millions (1,000,000) की instructions को process कर सकता है या इससे भी ज्यादा।

इसलिए Computer की speed को microsecond (एक second का 10^6 part ) या nanosecond (एक second का 10^9 part) में determine किया जाता है. इससे आप सोच सकते हैं की ये computers कितने fast होते हैं और कैसे ये काम करते हैं।

2. Accuracy

Computer की degree of accuracy बहुत ही ज्यादा high होती है और प्रत्येक calculation को उसी accuracy के साथ perform किया जाता है. Accuracy Level को determine किया जाता है computer के design के basis पर।

वहीँ computer में जो भी errors होते हैं वो हम इंसानों के लिए होते हैं या फिर inaccurate data के होने से।

3. Diligence

एक Computer पूरी तरह से आलस्य से दूर होता है, इसमें tiredness, lack of concentration, fatigue, जैसे humanly emotion नहीं होते हैं. क्यूंकि ये आखिर में एक machine ही होता है. बिना कोई error किये ही ये घंटों काम कर सकता है।

अगर इसमें millions की तादाद में calculations perform किया जाये, तब भी एक computer सभी calculation को समान accuracy के साथ ही perform करेगा।

इसकी यही capability के कारण ये हम इंसानों को मात देता है routine type की work करने में।

4. Versatility

इसका मतलब ये की ये अलग अलग प्रकार के काम करने में सक्षम होता है. जैसे की आप अपने computer से एक समय में payroll silps perpare करे रहे होते हैं, वहीँ दुसरे ही वक़्त में आप कोई electric bill बना रहे होते हैं. कोई भी काम आप इसमें कर सकते हैं जो की इसे versatile बनाता है।

5. याद रखने की काबिलियत

Computer में वो खासियत है की वो कितनी भी मात्रा की information या data store कर सकते हैं. कोई भी information को store और recall किया जा सकता है, जब भी आप चाहें तब. इसे कई वर्षो तक safely store किया जा सकता है।

ये user को ऊपर निर्भर करता है की वो कितनी data store करना चाहता है और उसे वो कब retrieve करना चाहता है।

6. IQ का अभाव

Computer पूरी तरह से एक dumb machine होती है और ये कोई भी कार्य खुद से नहीं कर सकता है, बल्कि इसे प्रत्येक कार्य करने के लिए instruction देना होता है।

और निर्देश देते मात्र ही ये बहुत ही speed और accuracy के साथ अपना कार्य perform करता है. ये आपके ऊपर निर्भर करता है की आप अपने computer से क्या करवाना चाहते हैं।

7. इसकी Feeling नहीं होती है

इसकी खुदकी कोई feelings या emotion, taste, knowledge या experience नहीं होती है. आप भले ही कुछ समय काम करने के बाद थक सकते हैं लेकिन computer कभी भी नहीं थकता है।

8. Storage

Computer की खुदकी in-built memory होती है जहाँ ये बहुत ही बड़ी मात्रा की data को store कर सकती है. इसके साथ आप चाहें तो अपने data को दुसरे secondary storage devices में भी store कर सकते हैं. इसे computer के बहार store किया जाता है और इसे कहीं पर भी store कर सकते हैं।

 

भारत का पहला कंप्यूटर

भारत का पहला कंप्यूटर TIFRAC था। जिसे मुंबई में टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च में विकसित किया गया था। इसका पूरा नाम टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च आटोमेटिक कैलकुलेटर है। यह नाम इसे देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने दिया था। प्रारंभ में TIFR पायलट मशीन 1950 के दशक में विकसित की गई थी। आईएएस मशीन डिज़ाइन के आधार पर, अंतिम मशीन का विकास 1955 में शुरू किया गया था और औपचारिक रूप से 1960 में चालू किया गया था। और 1965 तक यह काम करता रहा।

21 जनवरी 1969 को भारत में निर्मित पहला इलेक्ट्रॉनिक डिजिटल कंप्यूटर विक्रम साराभाई द्वारा भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (BARC) में चालू किया गया था।

साल 1966 में भारत का पहला कंप्यूटर ISIJU विकसित किया गया। ISIJU कंप्यूटर को भारतीय सांख्यिकी संस्थान (Indian Statistical Institute) और कोलकाता की जादवपुर यूनिवर्सिटी (Jadavpur University) ने मिलकर तैयार किया था। ISIJU एक ट्रांजिस्टर युक्त कंप्यूटर था। इस कंप्यूटर का विकास भारतीय कंप्यूटर तकनीक के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण कदम था।

  • भारत ने 1955 में HEC-2M के विमोचन के साथ कंप्यूटर युग में प्रवेश किया।
  • एचईसी-2एम कंप्यूटर का विकास इंग्लैंड में ए.डी. बूथ द्वारा किया गया था।
  • इस विशेषाधिकार से लाभान्वित होने वाला पहला संस्थान कलकत्ता (वर्तमान में कोलकाता) स्थित भारतीय सांख्यिकी संस्थान (आईएसआई) था।
  • परम भारत में वैज्ञानिकों द्वारा विकसित पहले सुपर कंप्यूटर का नाम है। पहला स्थानीय रूप से निर्मित सुपर कंप्यूटर, जिसे परम शिवाय के रूप में जाना जाता है, आईआईटी (बीएचयू) द्वारा स्थापित किया गया था।

भारत का पहला सुपरकंप्यूटर

यह "पैरेलल मशीन" का संक्षिप्त रूप है । परम का निर्माण विजय पांडुरंग भटकर ने किया था।

  • उन्होंने 1991 में भारत का पहला सुपर कंप्यूटर, PARAM 8000 बनाया।
  • उन्होंने PARAM श्रृंखला के आधार पर राष्ट्रीय परम सुपरकंप्यूटिंग सुविधा (NPSF) का निर्माण किया और 1998 में PARAM 10000 का निर्माण किया।

 

 

कंप्यूटर का हिन्दी नाम क्या है?

Ans. कंप्यूटर को हिंदी में 'संगणक' कहा जाता है

 कंप्यूटर का दूसरा नाम क्या है?

Ans. कंप्यूटर हिन्दी नाम – अभिकलित्र, संगणक, अभिकलक, परिकलक)

 


 




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