कम्प्यूटर वाइरस (Computer Virus)
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वाइरस सॉफ्टवेअर (software) के टुकड़े होते हैं जिनको दो कार्य करने के लिए निर्माण किए गए हैं।
1. वे सामान्यतः जितने भी कम्प्यूटर में हो सके अपने प्रतिलिपियों को फैलाने के लिए निर्माण किए गए है।
2. एक बार फैलकर मशीन को इन्फेक्ट करने के बाद वे फिर अपने लेखक (वह व्यक्ति जिसने इस वाइरस
प्रोग्राम को लिखा) के अभिप्रेत क्रिया करने में लग जाते हैं। ये मशीन को बीप (beep) कराने वाली अहानिकर क्रिया से लेकर अन्य कम्प्यूटर पर हमला करना, आपके कम्प्यूटर को हेक्किंग (hacking) के लिए खुला छोडना, डाटा (data) का नाश करना, या इससे भी हानिकारक क्रिया जैसे सूचना की चोरी करना जिसमें यूजरनेम और पॉसवर्ड जैसे व्यक्तिगत विवरण या आपके बैंक के विवरण भी हो सकते हैं अगर वे उपलब्ध हों तो। कम्प्यूटर बाइक को वाइरस कहते हैं क्योंकि उनके कुछ लक्षण जैव वाइरस के लक्षण से मिलते जुलते हैं। एक कम्प्यूटर वाइरस एक कम्प्यूटर से दूसरे में स्थानांतरित होता है जैसे कि जैव बाइरल एक व्यक्ति से दूसरे में जाता है।
बूट वाइरस (Boot Virus)
बूट वाइरस अपने कुछ कोड (code) को डिस्क सेक्टार (disk sector) में स्थापित करेगा जिसके कोड को मशीन बूट (hot) होते समय अपनेआप निष्पादित करेगा। इस प्रकार, जब एक इन्फेक्ट हुआ मशीन बूट होता है वाइरस लोड (load) होकर चालू हो जाता है। जब बूट बाइरस लोड हो जाते हैं वे सामान्यतः वास्तक्तिक बूट कोड को लोड करते हैं जिन्हें उन्होंने पहले दूसरे स्थान में स्थापित किया था या वे अन्य तरीके अपनाते हैं जिससे ऐसा प्रकट हो कि मशीन सहज रूप में बूट करते हो।
फाइल वाइरस (File Virus)
फाइल वाइरस (File viruses) प्रोग्राम फाइल (program files') (एक्सीक्यूट या इंटरप्रेट करने योग्य कोड वाले फाइल) को इस प्रकार हमला करेंगे कि जब आप इन्फेक्ट हुए फाइल को बलाएंगे तब वाइरस कोड एक्सीक्यूट हो जाता है। सामान्यतः वाइरस कोड इस प्रकार जुड़ा होता है कि वह पहले एक्सीक्यूट होता है फिर भी यह आवश्यक नहीं है। वाइरस कोड के लोड और एक्सीक्यूट हो जाने के बाद वह इन्फेक्ट किए वास्तविक प्रोग्राम को सामान्य रूप में लोड और एक्सीक्यूट करेगा या जिस फंक्शन (function) को इंटरसेप्ट (intercept) किया उसे करेगा ताकि उपयोगकर्ता को कोई संदेह न हो।
वर्मस (Worms) वाइरस के समान हैं जो किसी अनरक्षित शेर (share) किए फोल्डर (folder) या डायरेक्टरी (directory) के द्वारा दूसरे कम्प्यूटर या नेटवर्क (network) पर अपनेआप की प्रतियाँ बनाने की कोशिश करते हैं। हाल ही में 'worm' पद का अर्थ एक वायरस माना गया है जो नेटवर्क लिक (network link) के पार अपनेआप की प्रतियाँ बनाती हैं और वाइरस को प्रयुक्त अत्यंत सामान्य प्रयोग जो अपने कई प्रतियाँ उपयोगकर्ता के इन्फेक्ट हुए ई-मेल (e-mail) से अटेच (attach) करके भेजते हैं।
एक ई-मेल वाइरस (e-mail virus) ई-मेल मेसेजस (messages) में ही घूमता है और अपने आपकी प्रतियों निकालकर इन्फेक्ट हुए एड्रेस बुक दर्जनों लोगों को भेजता रहता है। ते हैं उन पर्ता में जो पते हैं पर अपने आपको
कुछ वाइरस प्रत्यक्ष लक्षण दर्शाते हैं और कुछ सिस्टम में इन्फेक्ट किए फाइलों को हानि पहुँचाते हैं। वाइरस के एक या दोनों लक्षण अक्सर सुप्रसिद्ध जनसंचार माध्यम के ध्यान को आकृष्ट करते हैं. पहले के चर्चा से यह ध्यान में लें कि वाइरस की परिभाषा के लिए दोनों ही आवश्यक नहीं हैं। अहानिकारक वाइरस फिर भी एक वाइरस है. कोई हरकत नहीं और अन्य चीजे समान होते हुए अपने ओर आकृष्ट करने वाले वाइरस की तुलना में बिना प्रत्यक्ष लक्षण के वाइरस ज्यादा फेलने की क्षमता रखते हैं और ज्यादा देर तक रहते हैं।
केवल इसलिए कि एक वाइरस एक कोड है जो उपयोगकर्ता के द्वारा जानबूझकर स्थापित
नहीं किया गया वह "गुड" ('good') वाइरस नहीं बन सकता है। उपयोगकर्ताओं को अपने
कम्प्यूटर को नियंत्रित करना चाहिए और उसके लिए उन्हें सॉफ्टवेअर की स्थापना और निकालने का अधिकार होना चाहिए, और उनके अनुमति और जानकारी के बिना कोई भी सॉफ्टवेअर स्थापित, सूधारा या निकाला नहीं जाना चाहिए। एक वाइरस गुप्त रूप से स्व-स्थापित होती है। वह सिस्टम में अन्य सॉफ्टवेअर को उपयोगकर्ता के जानकारी के बिना सुधार सकता है और उसे निकालना बहुत मुश्किल और कीमती पड़ सकती है।
आप हमेशा यह बता नहीं सकते कि आपका मशीन वाइरस से इन्फेक्ट हुए है या नहीं फिर भी इन्फेक्ट हुए कम्प्यूटर के कुछ सामान्य लक्षण इस प्रकार हैं;
असामान्य रूप से गतिहीन या अस्थाई ऑपरेटिंग सिस्टम
एप्लीकेशन्स में अजीब बरताव
अजीब एरर मेसेजस (error messages)
आपका एन्टीवाइरस सॉफ्टवेअर का नाश होना
निवारक उपाय (Preventive Measures)
यदि आप सचमुच परम्परागत (ई-मेल के विपरीत) वाइरस के बारे में चिंतित हैं तो आपको युनिक्स (UNIX) जैसे सुरक्षित ऑपरेटिंग सिस्टम को चलाना होगा। उन ऑपरेटिंग सिस्टम पर आपको कोई वाइरस के बारे में सुनाई नहीं पड़ेगी क्योंकि उनके सुरक्षा लक्षण वाइरस और अनचाहे मनुष्यों को भी आपके हार्डडिस्क से दूर रखेंगे।
यदि आप कोई अनरक्षित ऑपरेटिंग सिस्टम का प्रयोग कर रहे हैं तो वाइस प्रोटेक्शन सॉफ्टवेअर (virus protection software) खरीदना सुरक्षित है।
यदि आप अनजाने स्त्रोत (जैसे इंटरनेट) से प्रोग्राम को रोक सकें और उसके बदले सी डी पर कर्मशियल सॉफ्टवेअर (commercial software) खरीदें तो आप परम्परागत वाइरस के सभी आपत्ति से बच जाते हैं। इसके अलावा, आपको फ्लॉपी डिस्क बूटिंग (floppy disk booting) को डिसेबल (disable) करना चाहिए अधिकतर कम्प्यूटर आपको इसकी अनुमति देते हैं और इससे ड्राइव में अकस्मात छूटे फ्लॉपी डिस्क से आने वाले बूट सेक्टार वाइरस को भी हटा सकते हैं।
ई-मेल एटेचमेन्ट (attachment) के रूप में प्राप्त होनेवाली किसी भी एक्सीक्यूट करने योग्य एटेचमेन्ट पर आपको कभी भी डबल-क्लिक (double-click) नहीं करना चाहिए। अटेचमेन्ट जो वर्ड फाइल (DOC), स्प्रेडशीट (.XLS), इमेजस (.GIF और JPG), आदि के रूप में आते हैं, वे डाटा फाइल होते हैं और वे कोई नुकसान नहीं
पहुँचा सकते हैं (ऊपर बताए वर्ड और एक्सेल डाक्युमेन्ट के मेक्रो वाइरस (mac virus) समस्या पर ध्यान दें)। EXE, COM या VBS जैसे एक्स्टेन्शन वाले फाइल एक्सीक्यूटबल होते हैं और एक एक्सीक्यूटबल अपने चाह के किसी भी तरह का नुकसान पहुंचा सकते हैं। एक बार उसे चालू करने से इसका मतलब यह हुआ कि आपने उसे आपके मशीन पर कुछ भी करने की अनुमति दी है। इसका एक ही रक्षण है कि ई-मेल से प्राप्त हाने वाले एक्सीक्यूटबल को कभी चलाइए मत।
अत्यंत सतर्क उपयोगकर्ता भी वाइरस से इन्फेक्ट हो जाता है। इस कारण आपको आवश्यक कि आप अपने नाजुक डाटा को नियमित तरीके में बेक्कप (backup) करना चाहिए, खासकर सी डी-आर/सी डी आर डब्ल्यू या यू एस बी (CD-R/CD-RW or USB) के मेमरी उपकरणां में। ऐसे करने से आपके अमूल्य डाटा सुरक्षित रहेगा यदि आपका मशीन इन्फेक्ट भी हो जाय और उसे फिर से फार्मेट (format) करना भी पड़े तो।
आतंकित न हों अधिकतर वाइरस वास्तव में हानि पहुँचाने से ज्यादा कंटक होते हैं। वे निकालने में भी आसान है।
इसकी अपेक्षा नहीं करना आपके सिस्टम को असर नहीं न करने पर भी यह अन्य सिस्टम को इन्फेक्ट और प्रभावित कर रहा है। इसकी चिकित्सा न करने पर यह आपके नेटवर्क एक्सेस (network access) को नष्ट कर सकता है।
वाइरस को पहचानें एक अप-टू-डेट एन्टी वाइरस स्केनिंग सॉफ्टवेअर (up-to-date anti-virus scanning software) को लेकर उसे चालाएँ। उसे वाइरस को पहचानना चाहिए उसके प्रकार का पता लगाना चाहिए और उस फाइल के नाम को भी बताना चाहिए जो इन्फेक्ट हुआ है ताकि उससे निपट सकें।
* सॉफ्टवेअर स्वयं ही वाइरस को नाश कर सकता है अगर नहीं तो वाइरस को निकालने के अनुदेशों के लिए सॉफ्टवेअर व्यापारी के वेबसाइट (website) को देखें।
यदि आपको सहायता चाहिए, आपके कम्प्यूटर सहायक व्यक्ति, समूह या सेवा को संपर्क करें।
कुछ सुप्रसिद्ध कंपनी के एन्टी वाइरस सॉफ्टवेअर और उनके वेब साइट नीचे दिए गए हैं।
नारटान एन्टीवाइरस (Norton Antivirus) - www.symantec.com
एम सी ए एफ ई ई (McAfee)
एफ-सेक्यूर कापोरेशन (F-Secure Corporation) computer
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