ऑपरेटिंग सिस्टम (Operating System)

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ऑपरेटिंग सिस्टम  (Operating System)

अध्याय 3

और अत्यंत विस्तृत रूप से उपयोग किया जाने वाला सॉफ्टवेयर ऑपरेटिंग सिस्टम (OS) है। ऑपरेटिंग सिस्टम एक ऐसा सॉफ्टवेयर है जो उपयोगकर्ता और हार्डवेयर के बीच संवाद का कार्य (Interface) करता है। आपरेटिंग सिस्टम (OS) कई नियमित कार्य करते हैं जो आप के लिए कम्प्यूटर पर कार्य करना आसान बनाते हैं। ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ युटिलिटी प्रोग्राम्स् (utility programs) का एक समूह भी होता है जिसकी सहायता से हार्डवेयर संसाधनों का आप समुचित उपयोग कर सकते हैं। आपरेटिंग सिस्टम (OS) आपको एक ऐसा प्लेटफार्म (platform) प्रदान करता है जिस पर आप कई अन्य सॉफ्टवेयर का उपयोग कर सकते हैं। कई प्रकार ऑपरेटिंग के सिस्टम्स उपलब्ध हैं जिनमें MS-DOS, UNIX, LINUX, OS2, MAC-OS प्रमुख हैं।

 

 

सिस्टम बूटिंग (System Booting)

बूटिंग कम्प्यूटर को क्रियाशील करने की वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा कम्प्यूटर में आपरेटिंग सिस्टम लोड होता है। जब हम कम्प्यूटर का पावर ऑन (Power On) करते हैं (Energize) तब कम्प्यूटर द्वारा अपने RAM (Read Only Memory) में बूट सीक्वेंस इन्स्ट्रकशन (Boot Sequence Instructions) जो माइक्रो इन्स्ट्रकशन का एक समूह होता है, का कार्यान्वयन (Execution) प्रारम्भ किया जाता है। यही माइक्रो इन्स्ट्रकशन, जो और कुछ नही बल्कि सॉफ्टवेयर कोड होते हैं, कम्प्यूटर में उपलब्ध समस्त संसाधनों की उपस्थिति निर्धारित (पहचान) करते हैं। माइक्रो इन्स्ट्रकशन सेट कम्प्यूटर सिस्टम में लगे ROM में पाये जाते हैं तथा आपरेटिंग सिस्टम (सॉफ्टवेयर) हार्डडिस्क, लाईव सी.डी. अथवा यू.एस.बी. फ्लैश ड्राईव इत्यादि में पाये जाते हैं।

 

 

बूटिंग (Booting)

प्राइमरी स्टोरेज अथवा मेन मेमोरी अथवा RAM में सम्पादित की जाने वाली क्रियाएँ कम्प्यूटरों द्वारा सम्पादित की जाने वाली तीव्रतम कियाएँ होती है। अतः यह प्रयास किया जाता है कि सर्वाधिक उपयोगी अनुदेश (Instrunctions) एवं डाटा मेन मेमोरी में उपलब्ध रहें। आपरेटिंग सिस्टम के इन्सट्रक्शन्स सर्वाधिक उपयोगी इन्सट्रक्शन होते हैं। फलस्वरूप, कम्प्यूटर आन (ON) करने के पश्चात आपरेटिंग सिस्टम साफ्टवेयर को RAM में स्थापित (उपलब्ध) किय जाता है। ऑपरेटिंग सिस्टम प्रोग्राम को सेकेण्डरी स्टोरेज डिवाइस (Secondary Storage Device) से RAM में कॉपी (copy) करने की प्रक्रिया बूटिंग कहलाती है। एक बार बूटिंग प्रक्रिया सम्पन्न होने के पश्चात् स्क्रीन (screen पर एक मेसेज (message) प्रदर्शित होता है जो उपयोगकर्ता को यह संके करता है कि सिस्टम अब उपयोग के लिए तैयार है। आप जैसे ही कम्प्यूट को चालू अथवा पावर ऑन (Power On) करते हैं बूटिंग प्रक्रिया स्वत हो। है।

ऑपरेटिंग सिस्टम के प्रकार और कार्य (Types and work of the Operating System)

1. बैच सिस्टम (Batch Systems)

2. इंटर-एक्टिव सिस्टम (Interactive Systems)

3. मल्टीप्रोग्रामिंग (Multiprogramming)

4. टाइम-शेयरिंग कम्प्यूटिंग (Time-sharing computing)

5. मल्टीप्रोसेसिंग (Multiprocessing)

6. मल्टीटास्किंग (Multitasking)

7. मल्टी यूसर ऑपरेटिंग सिस्टम (Multi user Operating System)

आपरेटिंग सिस्टम के कार्य (Work of the Operating System)

ऑपरेटिंग सिस्टम (OS) विशिष्ट प्रोग्रामों का समूह अथवा समेकित सेट

जिसका उपयोग कम्प्यूटर के समस्त संसाधनों का समुचित रूप से दो

करने तथा कम्प्यूटर के समस्त क्रियाओं को सम्पादित करने हेतु किया 

है। आपरेटिंग सिस्टम (os) एप्लीकेशन प्रोगाम्स को कॉल (call) करके, 

 

 

 

द्वारा निर्धारित सेवाओं का लाभ प्रदान करता है।  उपयोगकर्ता से हार्डवेयर को पृथक करने के लिए चित्र में OS के स्थान को दर्शाया गया है। उपयोगकर्ता निर्दिष्ट एप्लीकेशन प्रोग्राम के माध्यम से OS से सम्पर्क स्थापित करता है तथा वांछित इनपुट (डाटा) प्रदान करता है। एप्लीकेशन प्रोग्राम द्वारा दिये जाने वाले इन्स्ट्रकशनों (अनुदेशों) को तथा इनपुट डाटा को OS स्वीकार करता है तथा परिणाम में आउटपुट प्रदान करता है। परन्तु कम्प्यूटर सिस्टम के हार्डवेयर विशेषताओं से अथवा किसी दिए गये कार्य को हार्डवेयर किस प्रकार सम्पादित करेगा ऐसी क्रियाओं से उपयोगकर्ता को निरपेक्ष रखता है।

एक ऑपरेटिंग सिस्टम घटनाक्रमानुसार निम्नलिखित कार्य करता है।

Device Management

Disk Management

Memory Management

OPERATING SYSTEM

Input Output Management

File Management

डी ओ एस ऑपरेटिंग सिस्टम के अवयव (Constituent of DOS Operating System)

उदाहरण के लिए, आप फाइल्स की एक सूची (List) स्क्रीन पर प्रदर्शित सकते हैं अथवा अनावश्यक फाइल्स को कम्प्यूटर से हटा (delete) कर सक है. किसी फाइल को कॉपी कर सकते हैं इत्यादि। इन क्रियाओं को सम्पाक्षि करने हेतु आपको तत्संबंधित कमाण्ड को निष्पादित करना चाहिए। इ कमाण्ड्स को DOS कमाण्ड्स कहते हैं।

DOS कमाण्ड्स को दो वर्गों में विभाजित किया गया है।

आंतरिक कमाण्ड (Internal Commands)

वाह्य कमाण्ड (External Commands)

आंतरिक कमाण्ड्स command.com फाइल के अंग हैं। वाह्य कमाण्ड्स

फाइल अथवा प्रोग्राम के रूप में पृथक रूप से संग्रहीत किए जाते हैं। कम्प्यूटर फाइल्स के प्रकार (Types of Computer files)

कम्प्यूटर स्टोरेज डिवाइस अथवा डिस्क (disk) में जो कुछ भी स्टोर अथवा संग्रहीत किया जाता है उसे किसी फाइल के नाम से ही संग्रहीत किया जाना चाहिए। कोई फाइल नाम अथवा पहचान दिए   कम्प्यूटर फाइल्स को एक्सीक्यूटेबल फाइल्स (executable files) और डाटा फाइल्स (data files) में विभाजित किया जाता है। DOS और Windows में एक्सीक्यूटेबल फाइल्स एक्स्टेन्शन exe अथवा com होते हैं। कुछ विशेष प्रकार के एक्सीक्यूटेबल फाइल्स dll और sys के एक्स्टेन्शन के साथ भी होते हैं। ये फाइल्स exe या com फाइल्स द्वारा कॉल करके एक्सीक्यूट किए जाते हैं।

डाटा फाइल्स के विभिन्न एक्स्टेन्शन होते हैं। उदाहरण के लिए txt, doc, xls, dbf, mdb, bmp, wav, jpg आदि कुछ फाइल एक्स्टेन्शन हैं। ये एक्स्टेन्शन उपयोगकर्ता द्वारा फाइल के प्रकार को पहचानने में सहायक होते हैं।

डायरेक्टरीस और सबडायरेक्टरीस (Directories and Sub Directories)

सामान्यतः संबंधित फाइलों को एक साथ मिलाकर एक अलग स्थान पर संग्रहीत किया जाता है। इस स्थान को डायरेक्टरी कहते हैं। डायरेक्टरी का निर्माण किसी भी संख्या…
 वाइल्ड कार्ड कैरेक्टर्स और उनका उपयोग (Wild-Card Characters and its uses)

मान लीजिए हमें किसी फाइल के नाम का ज्ञान नहीं है परन्तु उसक एक्सटेन्शन (extension) की जानकारी है. अर्थात फाइल के टाईप की जानकारी है। उदाहरणार्थ, फाइल का (extension) dbf टाईप है। ऐसी किसी फाइलक हम किसी डायरेक्ट्री में कैसे ढूंढ सकते हैं अथवा देख सकते हैं (जिसके नाम का हमें ज्ञान न हो)। ऐसी परिस्थितियों से निपटने के लिए वाइल्ड कार्ड कैरेक्टर का उपयोग किया जाता है। ऐसी किसी फाइल को लिस्ट अथवा डिस्प्ले के लिये हम dir .dbf कमाण्ड DOS पर टाईप कर OS को request प्रेषित कर सकते हैं। परिणामस्वरूप सम्बन्धित डायरेक्ट्री में dbf extension के साथ जितनी भी फाइलें होंगी DOS उन्हें list अथवा display करेगा।

उसी प्रकार, यदि हमें किसी फाइल के नाम की अपूर्ण जानकारी हो, उदाहरणार्थ फाइल के नाम की जानकारी है परन्तु extension वाले भाग में तीन अक्षरों में से मात्र दो अक्षरों की जानकारी है, जैसे kumar.db?। उपरोक्का फाइल के नाम का अंतिम अक्षर शायद ५' है अथवा '' है अथवा '' है इसमें सन्देह होने पर निम्न कमाण्ड से हम DOS से ऐसी समस्त फाइलों के प्रदर्शन हेतु निवेदन कर सकते हैं।

dir kumar.db?

प्रत्युत्तर में DOS ऐसी समस्त फाइलों को प्रदर्शित कर देता है जिनके नाम kumar' हों तथा extension 'dba', 'dbb', dbc', 'dbD', 'dbA'... इत्यादि हों। इन वाइल्ड कैरेक्टर्स का उपयोग नाम अथवा extension के किसी भी भाग में

किया जा सकता है।

शेल (shell) फाइल नेम एक्स्पैन्शन वाइल्ड कार्ड कैरेक्टर ('wild-card characters) या मेटा कैरेक्टर ('meta' characters) के साथ मैच होता हुआ

फाइल नेम के साथ काम करना सरल बनाता है: • किसी भी कैरेक्टर स्ट्रिंग से मेल / मैच (string) करता है (कैरेक्टरों का क्रम)

किसी भी एक कैरेक्टर को मेल / मैच करता है

DOS और विन्डोज़ (Windows) केस इन्सेन्सीटिव (case insensitive) होता है

Dir.gif

".gif" या ".GIF" एक्स्टेन्शन वाली समस्त फाइलों को

प्रदर्शित करता है

"a" या "A" से शुरू

होने वाले समस्त GIF फाइल्स

 

 




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