इनपुट आउटपुट यूनिट्स (Input Output Units)
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एक इनपुट डिवाइस (input device) वह उपकरण है जिसका उपयोग कम्प्यूटर (computer) में डाटा (data) को फीड (feed) करने के लिए किया जाता है। कम्प्यूटर जगत में विभिन्न प्रकार के इनपुट डिवाइसेस उपलब्ध हैं।
कीबोर्ड (Keyboard) अत्यंत सामान्य इनपुट डिवाइस (input device) है। इसमें अनेक छोटे बटन (button) होते हैं जो कीज़ (keys) कहलाते हैं। यह उपयोगकर्ता द्वारा अक्षर, संख्या और कमाण्ड command) को इनपुट किए जाने हेतु उपयोग किये जाते है।
कीबोर्ड विभिन्न साइजों एवं नमूनों में आते हैं तथा कीबोर्ड पर दी गयी (अतिरिक्त) कीज़ की संख्या के आधार पर उनका वर्गीकरण किया जाता है। सामान्यतः अधिकतर कीबोर्ड में 101 कीज़ और विन्डोज़ (windows) कीबोर्ड में 104 अथवा 105 कीज़ होते हैं।
1. अल्फ़ान्यूमेरिक कीज़ (Alphanumeric Keys)
ये कीबोर्ड का मुख्य हिस्सा होती हैं जिनमें:
अक्षर (A-Z): छोटे (a-z) और बड़े (Shift के साथ A-Z)
नंबर्स (0-9): शीर्ष पंक्ति में
विशेष करैक्टर: !, @, #, $ आदि (Shift + संख्या Keys)
2. फंक्शन कीज़ (F1-F12)
प्रत्येक Function Key का विशेष उपयोग:
F1: हेल्प मेनू खोलना
F2: चयनित आइटम का नाम बदलना
F3: सर्च बॉक्स खोलना
F4: एड्रेस बार दिखाना (Windows Explorer में)
F5: पेज रिफ्रेश करना
F6: ब्राउज़र में एड्रेस बार पर जाना
F7: वर्ड में स्पेल चेक
F8: सेफ मोड में बूट करना
F9: आउटलुक में ईमेल सेंड/रिसीव
F10: मेनू बार एक्टिवेट करना
F11: फुलस्क्रीन मोड
F12: Save As डायलॉग बॉक्स
3. कंट्रोल कीज़ (Control Keys)
Ctrl (Control):
Ctrl+C: कॉपी
Ctrl+V: पेस्ट
Ctrl+Z: अंडू
Ctrl+A: सबसेलेक्ट
Alt (Alternate):
Alt+Tab: विंडो स्विच
Alt+F4: प्रोग्राम बंद
Shift:
कैपिटल लेटर्स
विशेष करैक्टर
Windows Key:
स्टार्ट मेनू खोलना
Win+E: एक्स्प्लोरर
Win+D: डेस्कटॉप दिखाना
4. नेविगेशन कीज़
एरो कीज़: ऊपर, नीचे, दाएं, बाएं
Home: लाइन की शुरुआत
End: लाइन का अंत
Page Up/Down: पेज स्क्रॉल
Insert: टेक्स्ट मोड बदलना
Delete: आगे का करैक्टर डिलीट
5. न्यूमेरिक कीपैड
Num Lock ऑन होने पर:
0-9: नंबर्स
+, -, *, /: गणितीय संक्रियाएं
Enter: कैलकुलेशन
Num Lock ऑफ होने पर:
नेविगेशन की तरह काम
6. मल्टीमीडिया कीज़
वॉल्यूम +/-: आवाज़ नियंत्रण
म्यूट: आवाज़ बंद
मीडिया कंट्रोल:
Play/Pause
Next/Previous Track
ब्राइटनेस: स्क्रीन की रोशनी
कैलकुलेटर: सीधे खोलना
7. विशेष कीज़
Esc (Escape): कार्य रद्द
Print Screen: स्क्रीनशॉट
Scroll Lock: स्क्रॉलिंग लॉक
Pause/Break: प्रोग्राम रोकना
8. मॉडिफायर कीज़
Caps Lock: कैपिटल लेटर्स
Num Lock: नंबर कीपैड
Scroll Lock: स्क्रॉलिंग
QWERTY: सबसे आम लेआउट
AZERTY: फ्रेंच कीबोर्ड
DVORAK: तेज टाइपिंग के लिए
होम रो पर उंगलियां रखें:
बाएं हाथ: A (कनिष्ठा), S (अनामिका), D (मध्यमा), F (तर्जनी)
दाएं हाथ: J (तर्जनी), K (मध्यमा), L (अनामिका), ; (कनिष्ठा)
अंगूठे: स्पेस बार
USB: सबसे आम
PS/2: पुराने कंप्यूटर
ब्लूटूथ: वायरलेस
वाई-फाई: स्मार्ट कीबोर्ड
स्कैनर (Scanner) एक इनपुट डिवाइस है जिसके माध्यम से कागज के डॉक्युमेन्ट (document), इमेज और माइक्रो फाइल (micro-files) से सूचना प्राप्त कर कम्प्यूटर में सुरक्षित (स्टोर) किया जाता है। किसी भी टेक्स्ट (Text), ग्राफिक (Graphic), अथवा चित्र को स्कैनर के द्वारा कम्प्यूटर में लाया (फीड किया) जा सकता है। स्कैनर के विभिन्न प्रकार हैं- हैण्डहेल्ड स्कैनर (Hand-held Scanner), फ्लैटबेड स्कैनर (Flatbed Scanner), डेस्कटॉप फिल्म स्कैनर (Desktop Film Scanner), माइक्रो फिल्म स्कैनर (Micro Film Scanner) आदि।
बहु विकल्पीय प्रश्नों के उत्तर हेतु विशेष प्रकार के बाक्स वाली उत्तर पुस्तिकाओं, जिसमें गहरे रंग के पेन्सिल या स्याही से चिन्ह बनाकर भरा जाता है, को पढ़कर कम्प्यूटर में फीड करने वाले उपकरण को ओ.एम.आर. अथवा आप्टिकल मार्क रीडर कहते हैं। ये उपकरण प्रकाश किरणों की सहायता से गहरे रंग के चिन्हों को पहचान कर (recognise) कर उन्हें इलेक्ट्रिकल पल्सेस (electrical pulses) में परिवर्तित करते हैं। इस प्रकार के डाक्यूमेन्ट उन क्षेत्रों में प्रयुक्त होते हैं जहाँ दिए गए विकल्प कम हैं एवं उनमें से एक ही विकल्प उसका उत्तर है तथा प्रोसेस किए जाने वाले डाटा की मात्रा अधिक है। उदाहरण के लिए परीक्षाओं में वितरित की जाने वाली बीच वैकल्पिक उत्तर पुस्तिका जिसमें बड़ी संख्या में प्रवेशार्थी भाग लेते हैं
# बाज़ार सर्वेक्षण, जनगणना सर्वेक्षण आदि
# आदेश फार्मस जिसमें कम विकल्प के विषय हों
# कारखाने के मज़दूरों द्वारा कार्य प्रारम्भ एवं समाप्ती समय को अंकित करने वाली टाइम शीट (Time sheets)
ऑपटीकल स्कैनर वह उपकरण है जो एक इमेज (image) को रीड (read) करके उसे 0's और 1's में परिवर्तित करके कम्प्यूटर के मेमोरी (memory) में संग्रहीत करने के लिए उपयोग किया जाता है। इमेज हाथ से लिखा, टाइप किया हुआ या प्रिन्ट (pirmt) किया हुआ डाक्युमेन्ट या चित्र हो सकता है।
एम आइ सी आर (मेगनेटिक इंक कैरेक्टर रिकग्नीशन) (MICR (Magnetic Ink Character Recognition))
इस तरीके में विशेष विद्युतीय स्याही के उपयोग से चेक (cheque) जैसे डाक्युमेन्ट पर मानव द्वारा पढ़ने योग्य कैरेक्टरों को प्रिन्ट किया जाता है। यह चेक एक विशेष इनपुट यूनिट के उपयोग से पढ़ा जा सकता है जो विद्युतीय स्याही के अक्षरों को पहचान सकता है। इस तरीके में डाटा को
चेक से फ्लॉपी में डालने की आवश्यकता नहीं है। समय की बचत के साथ यह तरीका सही डाटा एन्ट्री (data entry) को सुनिश्चित करता है तथा अत्यधिक सुरक्षित उपाय है।
माउस (Mouse) एक छोटा उपकरण है जो हाथ में लेकर समतल सतह पर दबाया जाता है। यह कर्सर बनतेवतद्ध को किसी भी दिशा में घुमा/चालित कर सकता है। माउस के अंदर एक छोटा गेंद रखा होता है और वह गेंद माउस के नीचे के छेद से पैड (pad) को छूता है। जब माउस हिलाया जाता है तब गेंद लुढ़कता है। गेंद की यह चाल इलेक्ट्रानिक सिग्नल्स में परिवर्तित करता है और कम्प्यूटर को भेजता है।
विन्डोज़ और ग्राफिकल यूज़र इन्टरफेस (Graphical User Interface (GUI)) एप्लीकेशन्स (applications) का उपयोग करने वाले आधुनिक कम्प्यूटरों में माउस बहुत ही प्रसिद्ध है।
लाइट पेन (Light Pen) एक प्वाइंटिंग डिवाइस है जिसका उपयोग स्क्रीन से किसी फाइल फोल्डर अथवा आइकॉन (icon) को प्वाइंट (point) करके चुनने के लिए किया जा सकता है। यह सीधे स्क्रीन पर चित्र बनाने में भी उपयोग किया जाता है। यह मेन्यू पर आधारित एप्लीकेशन्स के लिए बहुत ही उपयोगी है।
जॉयस्टिक (joystick) कई वीडियो गेम्स (video games) के लिए नियंत्रण उपकरण है। माउस की तरह यह दो दिशाओं में गति को पहचानता है तथा उन्हे सिग्नलों से जोड़ता है। स्टिक वहनीय शैफ्ट (shaft) के द्वारा केबल (cable) में लगा रहता है। यह नीचे समकोण में होते हैं। दो इलेक्ट्रॉनिक उपकरण सिग्नल भेजते हैं जो कर्सर को चलाते हैं। ये सिग्नल शैफ्ट और केबल की स्थिति के आधार पर बदलते हैं।
वेब केमरा (Web camera) स्थिर तथा चलित तस्वीरों को खींचने वाला एक उपकरण है तथा डिजिटल फोटोग्राफिक इमेज (digital photographic image) को संग्रहीत करता है जिसे कम्प्यूटर रीड कर सकता है। इसके बाद आप अपने कैमरे से सीधे इमेजेस को अपने कम्प्यूटर पर भेज सकते हैं। यह इंटरनेट पर वीडियो कॉनफ्रेन्सिंग (video conferencing) के लिए भी उपयोग किया जाता है।
ध्वनि को इलेक्ट्रिकल सिग्नलों (electrical signals) में परिवर्तित करने का उपकरण है जो ध्वनि को रेकार्ड (record) करने के लिए उपयोग होता है। यह अपना प्रभाव विभिन्न तरीकों में उत्पन्न करता है, उदाहरण के लिए विद्युतीय प्रवाह के तीव्रता में परिवर्तन, संवहनीय वस्तु के संपर्क क्षमता में भिन्नता, विशेषतः ध्वनिक कंपन क्रिया के अधीन अनुचित संवहनीय वस्तुएँ।
प्रेषित अथवा दिए गये अनुदेशों के अनुसार कम्प्यूटर डाटा को प्रॉसेस करता है। डाटा प्रॉसेसिंग का परिणाम आउटपुट कहलाता है। विभिन्न आउटपुट डिवाइसेस हैं।
वी डी यू (मोनीटर या वीडियो डिस्प्ले यूनिट) (V.D.U (Monitor or Video Display Unit)
मॉनीटर्स (Monitors) डाटा को प्रत्यक्ष प्रस्तुत करते हैं। यह एक टेलिविजन की तरह दिखाई देता है। प्रारंभ में केवल मोनोक्रोम (monochrome) अथवा श्वेत श्याम मॉनीटर्स थे। धीरे-धीरे ऐसे मॉनीटर विकसित किये गये जो रंगों को प्रदर्शित कर सकते हैं। मॉनीटर्स कई प्रकार के हैं तथा उनकी प्रदर्शन क्षमता भिन्न भिन्न हैं। ये क्षमता एडाप्टर कार्ड (Adapter card) नाम के विशेष सर्किट (circuit) पर आधारित होते हैं। कुछ एडाप्टर कार्ड इस प्रकार हैं-:
कलर ग्राफिक्स एडाप्टर (Color Graphics Adapter (CGA)
एक्स्टेन्डेड ग्राफिक्स एडाप्टर (Extended Graphics Adapter(EGA)
वेक्टर ग्राफिक्स एडाप्टर (Vector Graphics Adapter (VGA)
सूपर वेक्टर ग्राफिक्स एडाप्टर (Super Vector Graphics Adapter (SVGA)
मॉनीटर पर जो सबसी छोटी बिंदु प्रदर्शित की जाती है पिक्सल (pixel) कहलाती है। वर्टिकली (vertically) और हारिजॉन्टली (horizontally) प्रदर्शित किए जाने वाले पिक्सल मॉनीटर को अधिकतम रिजोल्यूशन (resolution) प्रदान करते हैं। मॉनीटर का रिजोल्यूशन प्रदर्शन के गुण का निर्णय करते हैं। रिजोल्यूशन अधिक होने से प्रदर्शन का गुण भी बेहतर होता है। कुछ प्रसिद्ध रिसोल्यूशन 800 x 640 पिक्सल्स, 1024 x 768 पिक्सल्स, 1280x1024 पिक्सल्स हैं।
कीबोर्ड (डाटा इनपुट के लिए) और विजुअल डिस्प्ले यूनिट (वीडीयू डाटा के आउटपुट के लिए) का संघटन टर्मिनल कहलाता है। मल्टी-यूज़र सिस्टम में कई टर्मिनल एक अकेले सी पी यू से कनेक्ट होते हैं।
मॉनीटर पर दर्शाया गया आउटपुट दूसरे स्थान में ले जाकर भविष्य के लिए संग्रहीत करना संभव नहीं है। प्रोसेस की गयी सूचना को कागज पर प्रिन्ट करने के लिए प्रिन्टर का उपयोग किया जाता है। कागज़ पर प्रिन्ट किया गया सूचना आउटपुट की हार्ड कॉपी
(Hard Copy) कहलाती है। प्रिन्टर अक्षर, संख्या और इमेज को प्रिन्ट कर सकते हैं। प्रिन्ट करने के तकनीकी के आधार पर प्रिन्टर को इम्पैक्ट प्रिन्टर (impact printer) और नॉन-इम्पैक्ट प्रिन्टर (non-impact printer) में विभाजित किया जा सकता है।
लेजर प्रिन्टर (Laser printers) अत्यन्त उच्च कोटि के आउटपुट उत्पन्न करते हैं, कीमत अधिक होने पर भी यह खामोश और तेज़ होते हैं। यह एक नॉन-इम्पैक्ट प्रिन्टर है।
इंकजेट प्रिन्टर (Ink-jet printers) सस्ते हैं, काले और सफेद (श्वेत श्याम) या रंगीन प्रिन्ट प्रदान करते हैं जिसमें गुणवत्ता तथा गति कम होती हैं। यह भी एक नॉन-इम्पैक्ट प्रिन्टर है।
डॉट-मैट्रिक्स प्रिन्टर (Dot-matrix printers) आजकल ज्यादा उपयोग में नहीं हैं। तुलनात्मक रुप से वे शोर अधिक करते हैं और गुण भी कम है लेकिन चलाने के लिए सस्ते हैं और प्रारूप प्रतियाँ निकालने के लिए उचित हैं। यह एक इम्पैक्ट प्रिन्टर है।
प्लॉटर्स (Plotters) का उपयोग आकृति तथा ग्राफ (graphs) प्रिन्ट करने के लिए होता है। इन्हें उच्च गुणवत्ता के, सही और स्पष्ट, A3 या उससे बड़े आकार के चित्र बनाने में उपयोग किए जा सकते हैं। इनका उपयोग मकान या कार के पुर्जे बनाने के प्लॉन को प्रिन्ट करना जैसे कम्प्यूटर एडेड डिजाइन (ComputerAided Design(CAD) और कम्प्यूटर एडेड मैन्यूफैक्चर (Computer Aided Manufacture (CAM) के लिए होता है। दो प्रकार के प्लॉटर हैं। वे
# ड्रम प्लॉटर (Drum Plotter)
# फ्लैट बेड प्लॉटर (Flat Bed plotter)
#माइक्रोफिल्म और माइक्रोफिक (Microfilm and Microfiche) ग्राफिक डिस्प्ले डिवाइस (Graphic Display device)
स्पीच आउटपुट यूनिट (Speech output unit)
रोबोट आर्म (robot arm) की तरह के डिवाइस (device) के लिए आउटपुट अनुदेश के रूप में भी हो सकते हैं।
स्टोरेज डिवाइसेस (Storage Devices)
फ्लॉपी और फ्लॉपी डिस्क ड्राइव (Floppy and Floppy Disk Drive (FDD))
फ्लॉपी एक लचीला 3.5 इन्च व्यास का वृत्तीय डिस्क है जो प्लास्टिक (plastic) से लेपा हुआ है और चुंबकीय वस्तु से बना है। यह एक वर्गाकार के प्लास्टिक जैकट (jacket) में रखा जाता है। प्रत्येक फ्लॉपी डिस्क लगभग डेढ़ मिल्लियन कैरेक्टर संग्रहीत कर सकता है।
फ्लॉपी डिस्क पर रेकार्ड किया हुआ डाटा फ्लॉपी डिस्क ड्राइव (floppy disk drive (FDD)) नाम के डिवाइस के उपयोग से कम्प्यूटर मेमोरी में रीड राईट तथा संग्रहीत किया जाता है। फ्लॉपी डिस्क को एफडीडी के एक स्लॉट (slot) में इन्सर्ट (insert) किया जाता है। डिस्क सामान्यतः प्रति मिनट 300 चक्कर काटता है। एक रीडिंग हेड (reading head) ट्रैक (track) को छूता हुआ रखा गया है। चुंककीय स्थान हेड के नीचे चलने पर हेड पर लगे कॉयल में एक वोल्टेज उत्प्रेरित होता है। उत्प्रेरित वोल्टेज की ध्रुविता हेड के नीचे के स्थान के चुंबकत्व की दिशा पर निर्भर करता है। 1 को रीड करते समय वोल्टेज की उत्प्रेरणा ० को रीड करते समय वोल्टेज की उत्प्रेरणा के विपरीत है। हेड कॉयल द्वारा महसूस किए वोल्टेज प्रवर्धित होकर उचित सिग्नल में परिवर्तित होकर कम्प्यूटर के मेमोरी में संग्रहीत होती है।
EVERONH
5%" फ्लॉपी डिस्क
3½" फ्लॉपी डिस्क (आगे और पीछे का व्यू)
फ्लॉपी डिस्क विभिन्न क्षमता के साथ आते हैं जिसे नीचे दर्शाया गया है 54" drive-360 KB, 1.2 MB (1 KB-210-1024 bytes)
3½" drive-1.44 MB, 2.88 MB (1 MB-220 bytes)
हार्ड फ्लॉपी डिस्क जो लचीला और निकाला जा सकता है उसके विवरीत, पी सी में उपयोग किया जाने वाला हार्ड डिस्क है जो स्थाई रूप से लगा रहता है। एक हायर एन्ड पीसी (higher end PC) में उपयोग होने वाले हार्ड डिस्क में अधिकतम संग्रहण क्षमता वर्तमान में 80 GB अथवा अधिक हो सकती है। (Giga Byte; 1 GB 1024 MB = 230 bytes). सीपीयू और हार्डडिस्क ड्राइव के मध्य डाटा स्थानांतरण दर सीपीयू और फ्लॉपी के मध्य डाटा स्थानांतरण की तुलना में बहुत अधिक है। सीपीयू द्वारा डाटा और प्रोग्राम को लोड (load) करने तथा डाटा को संग्रहीत करने के लिए भी हार्ड डिस्क का उपयोग किया जा सकता है। हार्ड डिस्क महत्वपूर्ण इनपुट/आउटपुट डिवाइस है। हार्ड डिस्क ड्राइव के अनुरक्षण अथवा मेन्टेनेन्स पर कोई विशेष
ध्यान देने की आवश्यकता नहीं होती है उसे मात्र धूलरहित और ठंडे वातावरण में चलाया जा चाहिए। (शीतानुकूल वातावरण अपेक्षित है)।
हार्ड डिस्क का बाह्य दृश्य
सारांश में, कम्प्यूटर सिस्टम विभिन्न प्रकार के मेमोरीज के समतुल्य रचना-विन्यास से आयोजित है। प्रमुख मेमोरी (RAM) का उपयोग कम्प्यूटर द्वारा निष्पादित किये जाने वाले प्रोग्राम को संग्रहीत करने के लिए होता है। डिस्क का उपयोग बड़े डाटा और प्रोग्राम फाइल्स को संग्रहीत करने के लिए होता है। टेप्स सीरियल एक्सेस मेमोरीज (serial access memories) हैं तथा उनका उपयोग डिस्क से फाइल्स का बैकअप (backup) निकालने के लिए होता है। सी डी रॉम (CD- ROMs) का प्रयोग यूज़र मैन्युअल (manuals), बड़े टेक्स्ट, आडियो और वीडियो डाटा को संग्रहीत करने के लिए होता है।
सीडी- रॉम (CD-ROM) कॉम्पैक्ट डिस्क रीड ओन्ली मेमोरी (Compact Disk Read Only Memory) डिस्क के स्पाइरल ट्रैक (spiral tracks) में डाटा को रेकार्ड और रीड करने के लिए लेजर बीम (laser beam) का उपयोग करता है। एक डिस्क में 650 एमबी सूचना को संग्रहीत किया जा सकता है। सीडी रॉम को सामान्यतः बहुत बड़े टेक्स्ट डाटा (जैसे एन्साइक्लोपीडिया) को संग्रहीत करने के लिए उपयोग किया जाता है जो स्थाई रूप में रखा जाता है और कई बार पढ़ा जाता है। आजकल सीडी राइटर्स (CD writers) बाज़ार में मिलते हैं। सीडी राइटर के उपयोग से बहुत सारी जानकारी सीडी रॉम पर लिखी जा सकती हैं और भविष्य के लिए संग्रहीत की जा सकती हैं।
डिजिटल वर्सेटाइल डिस्क (Digital Versatile Disk) का आकार भी सी डी के ही समान है परन्तु सीडी से सात गुणा ज्यादा डाटा को संग्रहीत करने की क्षमता है। डीवीडी भी दो तरफा या दुगने परत के हो सकते हैं। आजकल अधिकतर डीवीडी पूरी लंबी वाणिज्यिक चलचित्र, अन्य वस्तु जैसे आउटटेक्स (outtakes), निर्देशक की टिप्पणी, पिक्चर की ट्रेलर आदि प्रदर्शित करने के लिए प्रयुक्त होते हैं।
चुंबकीय टेप सुप्रसिद्ध संग्रहण माध्यम है जो बड़े कम्प्यूटर सिस्टम में उपयोग होते हैं। डाटा को चुंबकीय टेप पर संग्रहीत करके क्रमशः रीड किया जाता है। चुंबकीय टेप कई रीलों में उपलब्ध हैं। आजकल चुंबकीय टेप छोटे कैसेट के रुप में भी मिलते हैं जो कार्टिज कहलाते हैं।
चुंबकीय टेप ड्राइव का उपयोग एक चुंबकीय टेप से डाटा को रीड और उसमें डाटा को राइट करने के लिए होता है।
टेप ड्राइव (Tape drive) एक कम्प्यूटर पेरिफेरल (peripheral) है जो चुंबकीय टेप से रीड और उसमें राइट करता है। ड्राइव एक खुले रील पर टेप या छोटा बंद टेप काट्रिज का उपयोग कर सकता है। प्रत्येक बार किसी फाइल को ढूँढ़ने के लिए टेप मैनेजमेन्ट सॉफ्टवेअर को टेप के शुरू से देखना पड़ता है, प्राइमरी संग्रहण सिस्टम के रूप में उपयोग करने के लिए टेप बहुत ही धीमी है लेकिन अक्सर टेप का उपयोग हार्ड डिस्क का बैक अप करने के लिए किया जाता है।
पेन ड्राइव (pen device) एक यूएसबी फ्लैश मेमोरी ड्राइव (USB flash memory drive) है। पेन ड्राइव यूएसबी फ्लैश डिस्क एक प्लग एण्ड प्ले (plug and play) play) डिवाइस है। किसी भी यूएसबी पोर्ट में प्लग कीजिए और कम्प्यूटर अपनेआप उसे एक रीमूवेबल ड्राइव (removable drive) के रुप में पहचानेगा। पेन ड्राइव आकार में बहुत ही छोटे होते है। इसकी विभिन्न संग्रहण क्षमता है जैसे
16MB, 32MB, 64MB आदि
इस ड्राइव के उपयोग से आप अपने हार्ड डिस्क से पेन ड्राइव और पेन ड्राइव से हार्ड डिस्क में
डाटा को रीड, राइट, कॉपी, डिलीट (delete) और मूव (move) कर सकते हैं। हम सीधे पेन ड्राइव से एप्लीकेशन, वीडियो, एमपी३ फाइल्स, उच्च गुणवत्ता के डिजिटल फोटो चला सकते हैं।
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