देश को लुटती विदेशी कंपनिया
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गूगल द्वारा किए गये सर्वे में हमारा देश इंटरनेट प्रयोग में दूसरे नम्बर पर है। इंटरनेट पर वस्तुओं की खरीद बेच का चलन बढ़ रहा है यहाँ तक की राजमर्रा की चीजों से लेकर कम्प्यूटर तक में आन लाइन की खरीद का प्रचलन बढ़ा है। फिर भी, हम पिछड़ रहे हैं। कारण है, हमारा ध्यान विदेशी वस्तुओं की खरीद पर अधिक है। यदि हम विदेशी वेबसाइट पर विदेशी वस्तुओं की खरीद करते रहेंगे तो मेक इन इंडिया को प्रोमोशन कैसे मिलेगा। ऐसे में विदेशी मार्केटिंग व मैन्यूफैक्चरिंग दोनों कंपनियों का व्यापार ही बढ़ेगा। परन्तु लक्ष्य होना चाहिए कि हमारे गाँव व शहर के बनने वाले प्रोडक्टस बिकें तभी हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ मजबूत होगी।
हम तो स्वदेशी खरीदें ही और अपने देश में बनी वस्तुओं की इंटरनेट से विदेशों में मार्केटिंग करें। Digital Marketing में हम न केवल अपने देश के प्रोडक्ट को बेच कर राष्ट्रउन्नति का नया पथ खोलेंगे वरन् हमारी आय भी अच्छी हो सकती है।
Google के सर्वे में यह भी कहा गया कि 2025 तक भारत में इण्टरनेट मोर्केटिंग की क्रेज बहुत बढ़ेगा। आज दुनिया की बड़ी-बड़ी कम्पिनयाँ एक से एक लुभवाने ऑफर वे रही है। जैसे- amazon लगातार हमारे देश में यही कर रहे हैं। ऐसा नहीं है कि हम लोग पीछे है।
इनका live example – flipkart, snapdeal, paytm, आदि उदाहरण है जो विदेशी कम्पानियों को टक्कर दे रही है। अगर हमारे देश के कारोबारी online(Digital Marketing)पर ध्यान दें तो हमारा देश भी उन्नति करेगा। हमारे देश की वस्तुएँ भी विदेशी में निर्यात होंगी और विदेशी मुद्रा हमारे देश में आएगी। जिससे हमारी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी व मान-सम्मान बढ़ेगा।
देश के युथ आगे आये और देश को मजबूत करे। नए नए आईडिया के साथ आये और स्टार्टअप्स करे (केवल गोवेर्मेंट जॉब के बारे में न सोचे, JOB पाने से अच्छा है job का invent करना ।) जो रुपया 1947 में एक डालर के बराबर था वही 1952 में एक डालर की कीमत 7 रूपये हो गयी थी और अब 67 रूपये | अब आप सोच रहे होंगे कि डालर की कीमत बढ़ने से उनको क्या फायदा है ?? अब हम अगर विदेश में माल बेचते है तो हमे 67 रूपये का माल केवल 1 रूपये में बेचना पड़ता है और विदेश से जो माल खरीदते है वो हमको 1 रूपये के बजाय 67 रूपये में खरीदना पड़ता है | मतलब हम माल को बेचते सस्ता है और खरीदते महंगा है इसलिए हमारा देश ओर ज्यादा कर्ज में डूबता जा रहा है |
आजादी के बाद हम 5000 विदेशी कंपनियों के चंगुल में फंस गये | इस तरह इन 5000 कंपनियों ने अब तक भारत से करोड़ो रूपये मुनाफे में लेकर गये |
1. जूते बनाने वाली एक कम्पनी बाटा कनाडा की कम्पनी है जिसे भारत ने बाटा इंडिया के नाम से बेचा जाता है | हम समझते है कि ये स्वदेशी कम्पनी है लेकिन ये विदेशी कम्पनी है जो पिछले कई सालो से देश को लुट रही है | ये कम्पनी देश से बने जुते खरीदती है उस पर अपना मार्का लगाकर फिर भारत में बेचती है | वो भारत से 100 रूपये का जूता खरीदते है उसको मार्का लगाकर देश में 600 रूपये में बेचती है और इस तरह एक जुते पर ये 500 रूपये का मुनाफा कमाती है | इस कम्पनी ने देश में 70 लाख रूपये से व्यापार शुरू किया था और आज ये कम्पनी देश से एक साल में लगभग 300 करोड़ रूपये से भी ज्यादा कमा लेती है |
2.यूनिलीवर है जिसने भारत में अपना नाम हिंदुस्तान यूनिलीवर रख दिया इस कम्पनी ने भारत में मात्र 24 लाख रूपये से धंधा शुरू किया था और आज ये कम्पनी भारत से 1 साल में 2000 करोड़ रूपये लुटकर ले जा रही है |
3.कोलगेट पामोलिव है जिसने भारत में 15 लाख से धंधा शुरू किया था और आज ये कम्पनी 300 करोड़ रूपये सालाना भारत से लुटती है |
आप विदेशी वस्तुओ का बहिष्कार करे और स्वदेशी वस्तुए अपनाए तभी भारत का पैसा भारत में रह सकता है और भारत उन्नति कर सकता है | देश के युथ आगे आये और देश को मजबूत करे। नए नए आईडिया के साथ आये और स्टार्टअप्स करे (केवल गोवेर्मेंट जॉब के बारे में न सोचे, JOB पाने से अच्छा है job का invent करना ।) जय हिन्द जय भारत
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इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/इंटरनेट/किताबो से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। इस लेख में निहित किसी भी जानकारी मेरा विचार है, मेरा उद्देश्य महज मेरे विचार को साझा करना है, इसे महज सूचना समझकर ही लें।
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