Chandrayaan 2

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2008 के चंद्रयान-1 के सफल प्रक्षेपण के बाद भारत ने Chandrayaan-2 को चांद पर भेजने की घोषणा कर दी गई है सभी जानते हैं कि सन 2008 में भारत ने अपना पहला चंद्र अभियान शुरू किया था जिसमें Chandrayaan-1 को चाँद (moon) की कक्षा (Orbit) में भेजने में भारत ने अपने पहले ही कोशिश में सफलता हासिल की थी लेकिन आपको बता दें कि यह यान चंद्रमा पर नहीं उतरा था। चंद्रयान-1 मिशन क्या है? इसके बारे में भी मैं आपको एक Short इनफार्मेशन देने वाला हूँ. लेकिन इस बार 2019 का मिशन पहले मिशन से काफी ज्यादा अलग होने वाला है क्योंकि इस मिशन में भारत अपने चंद्रयान में Lander और Orbiter और Rover को भी चांद पर भेजने की तैयारी कर रहा है, आइए आपको चंद्रयान-2 मिशन क्या है और Chandrayaan-2 के बारे में हिंदी में आपको बताते हैं। 

 

Chandrayaan-2 लॉन्चिंग डेट टाइम एंड लोकेशन

 

  • चंद्रयान द्वितीय को दिनांक 22 जुलाई 2019 को समय दोपहर 2 बजकर 43 मिनिट पर Launch किया जाएगा.
  • Chandrayaan-2 के लॉन्चिंग की बात की जाए तो यह पृथ्वी से चंद्रमा की ओर आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा से 15 जुलाई को लगभग 2:51AM पर रवाना होना था, जिस समय ज्यादातर भारतीय लोग सो रहे होते है और इसे चांद पर पहुंचने के लिए लगभग 2 महीने का समय लगने वाला है, यानी कि यह सितंबर में चंद्रमा पर उतरेगा।
  • इसे चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास उतारा जाएगा जहां आज तक दुनिया का कोई भी अंतरिक्ष यान नहीं उतारा गया है, ऐसा माना जा रहा है कि चंद्रमा के उस हिस्से मैं अच्छी लैंडिंग के लिए जितने प्रकाश और समतल जगह की जरूरत होती है वह Chandrayaan-2 को उस हिस्से में मिलने वाली है और इस मिशन के लिए पर्याप्त ऊर्जा की जरूरत है वह चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव में ही मिल सकती है।

 

क्यों रोका गया चंद्रयान 2 मिशन?

 

दोस्तों मैं आपको बता दूं कि चंद्रयान 2 मिशन को उसकी लॉन्चिंग से 56 मिनट 24 सेकंड पहले रोक लिया गया हैं, वैज्ञानिकों का कहना है कि इस मिशन में कुछ तकनीकी खराबी होने के कारण इसे रोका गया है और अभी इसे दुबारा लॉन्च करने की तारीख नहीं बताई गई है, लेकिन जल्द ही chandrayaan-2 अपनी पूरी ताकत के साथ अंतरिक्ष की और उड़ान भरेगा और भारत को एक ऐतिहासिक क्षण देगा.

आपको बता दें की 15 जुलाई की रात 1 बजकर 54 मिनिट 36 सेकंड पर chandrayaan-2 का काउंटडाउन रोक दिया गया और वैज्ञानिकों द्वारा इसकी तकनीकी खराबी को चेक किया गया. आपको यह भी बता दें की देश के सभी वैज्ञानिकों ने इस फैसले को सही ठहराया है क्योंकि इस चंद्र मिशन में लगभग 1000 करोड़ रुपए लगे हैं, और यहां कोई भी छोटा या बड़ा Risk लेना सही नहीं है, अतः हम तो यही कहेंगे कि यह बहुत अच्छा हुआ क्योंकि इस छोटी सी खराब के कारण आज करोड़ों का नुकसान हो सकता था.

 

हालांकि वैज्ञानिकों ने कोई भी दूसरी लॉन्चिंग डेट अभी निर्धारित नहीं की है लेकिन जल्द ही इस पर काम किया जाएगा और सभी तकनीकी खराबी को जल्द से जल्द ठीक करके इसे लांच किया जाएगा.

 

What is Orbiter Lander and Rover In Hindi?

 

  • लैंडर: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के अनुसार, नए मिशन में एक ऑर्बिटर, एक लैंडर और एक रोवर शामिल होगा। ऑर्बिटर 100 किलोमीटर (62 मील) की ऊँचाई से मैपिंग करेगा,
    जबकि लैंडर चाँद की सतह पर एक Soft लैंडिंग करेगा और रोवर को बाहर भेज देगा।
  • रोवर: इसरो की माने तो चांद पर लैंडिंग के बाद लैंडर का दरवाजा खुलेगा और रोवर को बाहर निकलने में 4 घंटे तक का समय लगने वाला है और इसके लगभग 15 मिनट के अंदर ही ISRO को लैंडिंग की तस्वीरें भी मिल सकती हैं आपको बता दें रोवर द्वारा ही चंद्रमा के सभी तस्वीरें और वहाँ मौजूद जानकारियों को इसरो तक पहुंचाया जाएगा।
    रोवर 1 सेंटीमीटर प्रति सेकंड की रफ़्तार से चलकर चाँद पर कुल 500 मीटर Cover करेगा.
  • ऑर्बिटर: ऑर्बिटर की बात करें तो यह पृथ्वी से सीधे संपर्क बनाने के लिए भेजे जा रहे है जो कि चंद्रमा से 100 KM की ऊँचाई पर चन्द्रमा के चक्कर काटेंगे और उनके द्वारा ही पृथ्वी पर चंद्रमा की पूरी जानकारी मिल पाएगी।

चंद्रयान रोवर मिशन की अवधि कितनी है

 

  • अगर इसके कक्षयान की कक्षा में प्रयोग की बात करे तो यह लगभग 1 वर्ष तक कार्यरत रहने वाला है वहीं विक्रम (लैंडर): 52 दिन चाँद पर बिताने वाला हैं.

Chandrayaan-2 का मिशन क्या है

 

  • अगर इसरो की मानें तो चंद्रयान-2 का को चांद पर भेजने का मिशन वहाँ की चट्टानों को देखना और उसमें मैग्निशियम, कैलशियम और आयरन जैसे खनिजों को ढूंढने का प्रयास करना है इसी के साथ साथ चंद्रमा पर पानी के होने के संकेत की तलाश करना और पारा तथा दूसरे धातु खोजना इस Chandrayaan-2 का मेन मिशन होने वाला है. तो अब तो आप समझ ही गए होंगे कि Chandrayaan-2 को चंद्रमा पर क्यों भेजा जा रहा है।

चंद्रयान-1 के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें

 

  • चंद्रयान-1 2008 भारत द्वारा चंद्रमा पर जाने वाला पहला मिशन था. ये मिशन 22 अक्टूबर 2008 से चलकर सितंबर 2009 यानि की लगभग एक साल तक चला था. वही Chandrayaan-1 को 22 October 2008 को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से ही अंतरिक्ष में भेजा गया था.
  • Chandrayaan-1 ने 08 नवंबर 2008 यानि की लगभग 17 दिन में ही चंद्रमा पर पहुचने में सफलता प्राप्त की थी. इस चंद्रयान ने चंद्रमा की कक्षा में 312 दिन बिताए थे.
  • इसी मिशन में चन्द्रमा पर पानी होने के भी संकेत मिले थे.
  • ISRO के चेयरमैन जी माधवन नायर ने उस समय यह भी बताया था कि चंद्रयान का मिशन चंद्रमा के कक्ष में जाना था चन्द्रमा पर नहीं, और उसे चंद्रमा के कक्ष में ही कुछ मशीनरी स्थापित करनी और भारत का झंडा लगाना था.

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