बहु बुद्धि का सिद्धांत
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बहु बुद्धि का सिद्धांत हावर्ड गार्डनर ने प्रस्तुत किया उनके अनुसार बुद्धि कोई एक तत्व नहीं बल्कि वह विभिन्न प्रकार की होती है प्रत्येक बुद्धि एक दूसरे से स्वतंत्र होकर कार्य करती है अपने-अपने क्षेत्र में ऐसा धारण योग्यताओं का प्रदर्शन करने वाले अत्यंत प्रतिभाशाली व्यक्तियों का गार्डनर ने अध्ययन किया और इसके आधार पर आठ प्रकार की बुद्धि का वर्णन किया बहु बुद्धि का सिद्धांत हावर्ड गार्डनर ने सन 1983 में प्रस्तुत किया।
इसके माध्यम से शब्दों और भाषा ज्ञान होता है जिन व्यक्तियों में यह बुद्धि अधिक होती है वह शब्द कुशल होते हैं उदाहरण के लिए लेखक को कवियों पत्रकार वकील आदि इन व्यक्तियों में इस बुद्धि का विकास अधिक होता है।
इसमें तार्किक योग्यता math calculations अधिक होती है जिन व्यक्तियों में इनका विकास होता है वह गणितीय समस्याओं को हल करने के लिए प्रतिको का प्रहस्तन कुशल तरीके से कर लेते हैं वैज्ञानिक तथा नोबेल पुरस्कार विजेताओं बैंकर आदि में यह बुद्धि अधिक पाए जाने की संभावना होती है उदाहरण के लिए - आर्यभट्ट एपीजे अब्दुल कलाम आदि।
इस देशिक बुद्धि भी कहते हैं यह मानसिक बिंबो को बनाने तथा उनका आयोग करने तथा उनमें मानसिक धरातल पर परमार्जन करने की उपयोगिता होती है जिन व्यक्तियों में इस बुद्धि का विकास अधिक होता है वह मूर्तिकार ,चित्रकार ,वास्तुकार ,विमान चालक , नाविक आदि होते हैं।
किसी वस्तु अथवा उत्पादन के निर्माण के लिए अथवा मात्रा शारीरिक प्रदर्शन के लिए संपूर्ण शरीर अथवा उसके किसी एक अंग की लोक तथा पेशी कौशल की योग्यता शारीरिक गतिक बुद्धि कही जाती है यह बुद्धि ज्यादातर नृत्यको ,अभिनेताओं, खिलाड़ियों, जिमनास्टिक आदि में अधिक होती है।
संगीतात्मक अभीरचनाओं को उत्पन्न करने उनका सृजन तथा प्रहस्तन करने की क्षमता संगीतात्मक योग्यता कहलाती है इस बुद्धि में अंतर्गत संगीत की बुद्धि अधिक होती है जिन व्यक्तियों में इसका विकास अधिक होता है वह सिंगारिया संगीत में आदि बनते हैं।
इसके द्वारा दूसरे व्यक्ति के साथ कैसे इंटरेक्ट किया जाए उसका पता चलता है इस योग्यता द्वारा व्यक्ति दूसरे व्यक्ति की अभिप्रेरणा उद्देश्य भावनाओं तथा व्यवहारों का सही दिशा करते हुए मधुर संबंध स्थापित करता है। जिन व्यक्तियों में इस विकास अधिक होता है वह नेता ,राजनीतिज्ञ, सामाजिक कार्यकर्ता, धार्मिक नेता आदि बनते हैं।
इसके द्वारा खुद के साथ इंटरेक्ट किया जाता है इस बुद्धि के अंतर्गत व्यक्ति को अपनी कमजोरी तथा शक्ति ज्ञान और उसे ज्ञान को दूसरे व्यक्ति के साथ सामाजिक अंतर क्रिया उपयोग करने की ऐसी योग्यता सम्मिलित है जिससे वह अन्य व्यक्तियों से प्रभावित संबंध स्थापित करता है दार्शनिक तथा आध्यात्मिक नेता तथा गुरु आदि में इस प्रकार की उच्च बुद्धि देखी जा सकती है।
इस बुद्धि के व्यक्ति प्रकृति के नजदीक होते हैं विभिन्न पशु पक्षियों तथा वनस्पति के सौंदर्य का बोध करने में तथा प्रकृति पर्यावरण में सूक्ष्म विभेद करने में बुद्धि सहायक होती है वनस्पति वैज्ञानिक, पक्षी वैज्ञानिक, शिकारी आदि में प्रकृति वादी बुद्धि अधिक होती है।
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